बैंकविशेष

शहरी सहकारी बैंक आईसीआईसीआई या एचडीएफसी बैंक से भिडने के लिए तैयार!

शहरी सहकारी बैंक (UCBs) हमेशा कोर बैंकिंग समाधान के कारण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के गरीब चचेरे भाई की तरह रहे हैं.  व्यापार चलाने के पारंपरिक तरीके किसी भी तरह से समय के अनुकूल नहीं हैं. कोर बैंकिंग समाधान (CBS)  बैंको को  सर्वर से जुडने का सुविधा देता है जिससे कि ग्राहक दुनिया में कहीं से भी अपने खाते संचालित कर सकते हैं.

एक प्रमुख कदम उठाते हुए नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक्स एवं क्रेडिट सोसाइटी लि.  (NAFCUB) ने अग्रणी विक्रेताओं से इन बैंकों के लिए एक काफी सस्ते सॉफ्टवेयर की मोलचाल की है जिससे शहरी सहकारी बैंक तुरत आधुनिक और उच्च तकनीकी युक्त हो जाएंगे.

एक प्रयास जो काफी समय से चल रहा था के तहत NAFCUB ने  टाटा कंसल्टेंसी, Mindmill, आदि जैसी 3-4 शीर्ष सॉफ्टवेयर कंपनियों सूचीबद्ध किया है.  इसने कंपनियों के साथ कड़ी सौदेबाजी की और दर को 12,900 रूपये तक लाया जो शहरी सहकारी बैंकों के लिए आसानी से वहन करने लायक है.  जब वे व्यक्तिगत रूप से सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ डील कर रहे थे, दर काफी अधिक, करीब 35,000 रु थी.

3-4 सॉफ्टवेयर कंपनियों को चिन्हित करने के बाद, NAFCUB ने शहरी सहकारी बैंकों से कहा है कि वे अपनी प्राथमिकता के अनुसार किसी भी कंपनी का चुनाव करें. इससे वास्तव में परिसंघ की भूमिका इस अर्थ में पूरी हुई है कि इसने शहरी सहकारी बैंकों के हितों की रक्षा करने के लिए अच्छी तरह से सौदेबाजी की.

एच.के. पाटिल,अध्यक्ष, NAFCUB ने कहा कि शहरी सहकारी बैंकों के लिए “सीबीएस” की शुरुआत ‘कॉप कोर 2010-‘ (दो दिवसीय प्रदर्शनी-सह-संगोष्ठी जो अहमदाबाद में 25 और 26 दिसंबर को आयोजित की जा रही है) के दौरान की जाएगी जिसमें कृषि मंत्री  शरद पवार एवं रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उपस्थित होंगे.

NAFCUB देश में शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसाइटी को प्रोन्नत करने की शीर्ष निकाय है. इसकी गतिविधियों मे रिजर्व बैंक, केन्द्रीय और राज्य सरकारों, अपने सदस्य बैंकों और क्रेडिट सोसाइटीज के साथ संपर्क कायम रखना शामिल हैं.

पाटिल ने कहा कि सीबीएस अभी तक अधिकांश सहकारी बैंकों द्वारा नहीं अपनाया गया है क्योंकि उसमे बड़े निवेश की आवश्यकता में .

पाटिल ने कहा, ” देश में 1674 शहरी सहकारी बैंकों की  कुल 7000 शाखाएं और 6 करोड़ खाताधारक हैं. कुल शहरी सहकारी बैंकों में से केवल 8-9 ने ही अब तक सीबीएस लागू किया है इस तथ्य के बावजूद कि सीबीएस की अवधारणा वर्षों पहले आ गी थी “.

हालांकि कुछ प्रमुख शहरी सहकारी बैंकों सहित सारस्वत बैंक इस प्रयास का हिस्सा नहीं है क्योंकि इसने पहले से ही एक अन्य सॉफ्टवेयर कंपनी के साथ करार किया है और अन्य शहरी सहकारी बैंकों, जिन्हें रुचि हो सकती है, को वही सॉफ्टवेयर बेच रहा है. लेकिन, सूत्रों के अनुसार NAFCUB द्वारा किए गए नवीनतम सौदा की तुलना में  इसकी दर काफी अधिक है.

Show More

Related Articles

Back to top button
Close