21 और 22 नवंबर को 500 सहकारी शहरी बैंकों के 2000 से अधिक निदेशक नासिक में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन में इकट्ठा होंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार समारोह की अध्यक्षता करेंगे जिसमें केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी भी भाग लेंगे.
शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले कार्यक्रम की संयोजिका हैं.
बदलते आर्थिक परिदृश्य में शहरी सहकारी बैंकों की भूमिका को अतिरिक्त महत्व मिल रहा है और यह सम्मेलन शहरी सहकारी बैंकों के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को संबोधित करेगा.
कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि देश की समस्यायों/बुराइयों का समाधान शहरी सहकारी बैंकों को सशक्त करने से हो सकता है लेकिन उनमें व्यावसायिकता की कमी मुख्य बाधा है.
इसके अलावा, कुछ शहरी सहकारी बैंकों में निर्णय लेने के स्तर पर पारदर्शिता और नियंत्रण की कमी सहकारिता की अवधारणा को पराजित कर रही है.
देश के उच्च और शक्तिशाली जैसे शरद पवार और प्रणब मुखर्जी को मिल बैठ कर इस समस्या का उचित समाधान ढूंढना चाहिए.