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कॉप बैंकों के निदेशकों को ऋण मिले: लक्ष्मी दास

कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष ने भारतीय सहकारिता से खास बातचीत में कहा कि आरबीआई को शहरी सहकारी बैंकों को अपने निदेशकों को हाउसिंग ऋण का अवसर प्रदान करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्हें ऋण क्यों नहीं मिलनी चाहिए, क्या वे इसके पात्र नहीं है, दास ने पूछा।

गौरतलब है कि अतीत में यूसीबी के निदेशकों द्वारा ऋण में की गई धांधलेबाजी को मद्देनजर रखते हुए आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों के निदेशकों के ऊपर यह प्रतिबंध लगया था।    

दास ने निराश भाव में कहा कि हमें मोदी सरकार से बहुत उम्मीदें थी लेकिन एनडीए सरकार के बजट ने निराश किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सहकारी बैंकों के ऊपर से आयकर के बोझ को खत्म नहीं किया और हमने इस संबंध में हर संभव प्रयास किये लेकिन अभी तक सब विफल रहे।

बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा देश से सहकारी बैंकों की संख्या को कम किया जा रहा है, अगर किसी सहकारी बैंक की वित्तीय स्थित खराब होती है तो सरकार उसे पुनरूद्धार करने के बजाए बैंक को विलय करने की कोशिश कर रही है, जिससे की सहकारी बैंकों की संख्या को कम किया जा सके।   

कांगड़ा सहकारी बैंक की स्थापना 1972 में हुई थी और वर्तमान में बैंक के लगभग 40 हजार सदस्य है। कांगड़ा सहकारी बैंक की राजधानी में 9 शाखाएं है और वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान बैंक ने करीब 11 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया था, टैक्स से पूर्व। पिछले साल कांगड़ा सहकारी बैंक ने एक साल के भीतर दो नई शाखाओं का शुभारंभ किया था, जिस खबर को  भारतीय सहकारिता ने प्रकाशित भी किया था।

बैंक के अध्यक्ष ने सूचित किया कि बैंक ने जमाकर्ताओं को एटीएम की सुविधा मुहैया करवाई गई है। हमनें कोर बैंकिंग सोलूयशन, आरटीजीएस, निफ्ट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई हुई है, अध्यक्ष ने गर्व से कहा। लक्ष्मी दास ने आगे कहा कि हम अपने कर्मचारियों को न्यून ब्याज दर पर होम ऋण उपलब्ध कराते है।

बैंक के सम्मानित सदस्यों के बच्चों को 10 वीं कक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर 3,100 रुपए की राशि भेंट के रूप में प्रदान करते है वहीं 12 वीं कक्षा के छात्र को 5,100 रुपए की राशि प्रदान करते हैं।

बैंक को  कई पुरस्कारों से नवाजा गया है और लक्ष्मी दास को 2014 में बेस्ट कॉर्पोरेटर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन सभी पुरस्कारों का श्रेय बैंक के निदेशकों, सदस्यों और कर्मचारियों को दिया जाता है क्योंकि इन्होंने कांगड़ा सहकारी बैंक को दिल्ली के सहकारी बैंको में अवल स्थान पर लाने में अहम भूमिका निभाई है, बैंक के अध्यक्ष ने कहा।

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