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डॉ कलाम जी के आकस्मिक निधन पर शोक संदेश

भारतीय सहकारिता को भारत के पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम के आकस्मिक निधन पर शोक के कई संदेश प्राप्त हुए। पहला फोन एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव ने किया। बाद में केंद्रीय रसायन एव उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहिर ने संवेदना संदेश भेजा।

डॉ ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम को याद करते हुए चंद्र पाल सिंह ने कहा कि कलाम जी जैसे व्यक्तित्व की आसानी से भरपाई नहीं की जा सकती है। वैज्ञानिक, शिक्षाविद् जैसे नेता को भारत आसानी से भुला नहीं सकता, अध्यक्ष ने कहा।

''मैं डॉ. कलाम जी को नमन करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं'', चंद्र पाल सिंह ने कहा।

रसायन एव उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम के आकस्मिक निधन परIndiaTv8b4bf3_ananth-kumar शोक व्‍यक्‍त किया। 

उन्‍होंने कहा ' डॉ. ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम के निधन से देश ने एक महान दूरदर्शी को खो दिया है जिन्‍होंने अपनी बुद्धिमत्‍ता से लोगों को अपना कायल बनाया और उन्‍होंने प्रत्‍येक हिन्‍दुस्‍तानी युवा और बुजुर्गो, अमीर और गरीब, संपन्‍न और वंचित सभी लोगों के दिलो दिमाग में स्‍थान बनाया। वे एक आदर्श राष्‍ट्रपति, वैज्ञानिक एवं विचारक थे''। 

'वे हर भारतीय के अतिप्रिय थे और ये मेरे लिए व्‍यक्तिगत क्षति है क्‍योंकि मुझे उनके साथ कई प्रेरणादायक पल बिताने का सम्‍मान और सौभाग्‍य मिला था। जब भी मेरी उनके साथ बातचीत होती थी तब-तब इस असाधारण व्‍यक्ति के प्रति मेरा आदर और बढ़ जाता था'। 

मैं ईश्‍वर से प्रार्थना करता हूं कि वो डॉ. कलाम की महान आत्‍मा को शांति प्रदान करें जिनके निधन से प्रत्‍येक भारतीय का जीवन सुना हो गया है।'

Shri-Hansraj-Gangaram-AhirMinister-of-State-for-Chemicals-and-Fertilizersरसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहिर ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के असामयिक निधन पर हार्दिक संवेदना प्रकट की। 

'डॉ. अब्‍दुल कलाम जी के असामयिक निधन का समाचार मेरे लिए व्‍यक्‍तिगत तौर पर एक बहुत बड़ी क्षति है। डॉ. कलाम जी ने फरवरी, 2014 में मेरे संसदीय क्षेत्र चंद्रपुर (महाराष्‍ट्र) का दौरा भी किया था जिसकी अमिट छाप आज भी मेरे तथा उस क्षेत्र की जनता व विशेषकर विद्यार्थियों के दिलों में बनी हुई है। 

एक वैज्ञानिक के रूप में उन्‍होंने हमारे देश को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। वर्ष 1998में पोखरण परमाणु परीक्षण कार्यक्रम को सफल बनाकर उन्‍होंने एक नया इतिहास रचा। 

मैं एक बार पुन: डॉ. कलाम जी को नमन करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं'। 

 

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