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जनता सहकारी बैंक: अब्बास आसानी से लाइसेंस के पक्ष में

28 सितंबर के लिए निर्धारित चुनाव की पूर्व संध्या पर दिल्ली में जनता सहकारी बैंक के अध्यक्ष हाजी चौधरी अब्बास अली एक शहरी सहकारी बैंक शुरू करने के लिए आसान प्रक्रिया की मांग करते हैं. भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए अली ने कहा कि वह एक यूसीबी खोलने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आसान प्रक्रिया चाहते हैं.

श्री अली का मानना है कि शहरी सहकारी बैंक आबादी के बैंक रहित खंड की समस्याओं को हल करने में एक लंबा रास्ता तय करते हैं. उनका जनता सहकारी बैंक इस चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित कर चुका है और अगले साल यह दोगुना करने के लिए चल पड़ा है.

श्री अली के कार्यकाल में सर्वांगीण विकास हुआ है, जैसे – सदस्यता, शेयर पूंजी या जमा के मामले में वृद्धि, आदि. बैंक ने 100 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल किया है. वह अपने अच्छे कार्यों के बल पर फिर से चुनाव की मांग है.

अब्बास यूसीबी के विभिन्न पहलुओं पर सक्रिय भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिबंध से सावधान थे और शहरी सहकारी बैंकों को संचालित करने के लिए रिजर्व बैंक से रियायत चाहता थे. उन्होंने एक बार से अधिक जनता सहकारी बैंक के कार्यों की प्रशंसा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक रचना दीक्षित का आभार व्यक्त किया.

खुद एक कांग्रेसी नेता होने के बाद भी अब्बास को मोदी सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं. उनका वोश्वास है कि नई सरकार निश्चित रूप से देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करेंगी. वह एक यूसीबी के ऋण देने की 3 लाख रुपये की सीमा को बढाने में मदद करने के लिए नई व्यवस्था से उम्मीद करते हैं.

हम बहुत सावधान हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों का पालन करते हैं. हम निदेशकों या उनके रिश्तेदारों को कभी ऋण स्वीकृत नहीं करते, अब्बास ने भारतीयसहकारिता.कॉम को कहा. बैंक की दिल्ली में पांच शाखाएं हैं और इस साल यह कुछ अधिक शाखाएं खोलने का प्रस्ताव रखता है.

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