विशेष

कुरियन: डेयरी सहकारी के जनक का निधन

भारतीय सहकारिता का लंबे समय से चमकता हुआ सितारा अब दिखाई नहीं देगा। डॉ. वर्गीज कुरियन अब इस दुनिया में नही रहे।

उन्होंने रविवार की सुबह नाडियाड के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे पत्नी और एक बेटी छोड़ गए हैं।

उनका निधन किसी रोग के कारण नहीं बल्कि अधिक उम्र के कारण हुआ, मुल्ज़ीभाई पटेल यूरोलॉज़ीकल अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा। 90 वर्ष की आयु में दिल और फेफड़े की मांसपेशियों से साँस लेने में काफी मुश्किल होती हो रही थी, सूत्रों ने कहा।

16 नवंबर को जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी, पूर्व अध्यक्ष पार्थी भतोल और अन्य अधिकारी उनका जन्म दिन का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे। भारतीय सहकारिता डॉट कॉम ने इसे बड़े पैमाने पर कवर किया था।

भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक अपूरणीय क्षति है। उनके मौत की खबर जंगल की आग की तरह फैलते ही मौजूदा प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी जल्द ही अस्पताल पहुँच गए थे।

दिल्ली कॉपरेटर्स श्री पारसमणि पुराने दिनों से कुरियन को जानते थे जब वह भारत को दुनिया में नंबर एक दूध उत्पादक देश बनाने का सपना देखा करते थे। उन्होने उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प की चर्चा की।

“वह कुछ कागजात पकड़कर आते और  हमसे पूछते कि क्या आप प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर सकते हैं, फिर अपने विचारों को रखकर गायब हो जाते”, श्री पारसमणि ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा।

उन्होंने अपने जीवन में सब कुछ हासिल किया। उन्होंने भारत को दूध उत्पादन में नंबर एक बनाया और ऑपरेशन फ्लड के माध्यम से दुग्ध क्रांति की शुरुआत की। उन्होंने  अमूल को एक सफल प्रयोग के रुप में स्थापित किया।

भारतीय सहकारिता डॉट कॉम इस महान व्यक्तित्व को प्रणाम करता है! आप टिप्पणी बॉक्स में अपनी संवेदना को नीचे पोस्ट कर सकते हैं।

 

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close