राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि जनसंख्या के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए समाज में मौलिक परिवर्तन सहकारी समितियों से लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन से समावेशी विकास विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को देश के विकास के लिए सक्षम बनाने में बड़ा योगदान हो सकता है।
राष्ट्रपति ने महिला सहकारी समितियों और शैक्षिक संस्थानों के पाठ्यक्रम में सहकारी आंदोलन के बारे में जानकारी का समावेश करने के लिए भी कहा।
राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल ने कहा कि देश में करीब तीस करोड़ लोग सहकारी ऋण, आवास, डेरी, कपड़ा, और उर्वरक जैसे कई तरह की गतिविधियों से सहकारी आंदोलन से जुड़े हैं।
सहकारी आंदोलन की उपलब्धियों पर श्रीमती पाटिल ने कहा कि दुनिया में दूध के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक भारत है और इसका श्रेय ‘श्वेत क्रांति’ को ही जाता है।
इफको का विशेष रूप से तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इफको दुनिया की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी समिति हमेशा किसानों की सेवा में तत्पर रहती है।