एनसीयूआई

एनसीयूआई: स्थानांतरण आदेश को लेकर खलबली

एनसीयूआई ने बुधवार को कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के पदों में फेरबदल किया है। जैसे के.एन.सिन्हा जो एस्टेट में थे उन्हें जनसंपर्क विभाग में भेज दिया गया है। जबकि आशीष द्विवेदी को एस्टेट का कार्यभार सौंपा गया है। वहीं उप निदेशक रितेश डे को एनसीडीबी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है और श्रीमती सन्धय कपूर को एस्टेट का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

अन्य लोग जिन्हें स्थानांतरण किया गया है या फिर विभिन्न कार्यकारी निदेशकों को रिपोर्ट करने के लिये कहा गया है, वे हरीप्रकाश, उदय प्रताप और आर.सी.पांडेय हैं। भारतीय सहकरिता से बातचीत में एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश ने कहा कि यह प्रशासनिक मामला है और इस मामले में मीडिया को दखल नहीं देना चाहिए।

इस बीच भारतीय सहकारिता को विभिन्न मेल प्राप्त हुये है, जिनमें मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश के ऊपर आरोप लगाये गये हैं। उदाहरण के लिये के.एन.सिन्हा की जगह आशीष द्विवेदी को एस्टेट का कार्यभार सौंपे जाने से एनसीयूआई मुख्यालय में पूरे दिन चर्चा का माहौल बना रहा।

“हम सभी को काम करना है और यह प्रशासनिक प्रमुख का विशेषाधिकार है कि सही जगह के लिये सही व्यक्ति को चुनना; गैर मुद्दों पर अपना कीमती वक्त बर्बाद न करें”, दिनेश ने भारतीय सहकारिता से के.एन.सिन्हा के मुद्दे पर कहा।

पाठकों को ध्यान होगा कि एनसीयूआई के एस्टेट विभाग को जब निजी विक्रेता द्वारा लूटा गया था, तब सहकारी संस्था की शीर्ष संस्था की खुब आलोचना हुई थी, और इस पूरी प्रक्रिया में कई एनसीयूआई के अधिकारी समेत शासी परिषद के एक सदस्य के शामिल होने का आरोप लगा था। गौरतलब है कि शासी परिषद ने पहले इस मामले को गंभीरता से लिया था और दोषियों को दंडित करने का निर्णय भी लिया था, लेकिन पूरे मामलें को कैसे रफा दफा किया गया इसका अभी तक कुछ पता नहीं चला।

यहां कुछ भी नया नहीं हो रहा है और कई लोग तबादले से खुश है लेकिन कुछ लोग इस निर्णय से बेहद दुखी है, जो चाहते है कि प्रशासनिक प्रमुख अपने आदेश को वापस ले। इस मामले में भारतीय सहकारिता को कई मेल डॉ चंद्र पाल सिंह यादव की भूमिका की भी बात के प्राप्त हुये है और वे सब चाहते है कि वे मुख्य कार्यकारी द्वारा की गई मनमानी को रोके।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close