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एक हाउसिंग को-ऑप सोसायटी कैसे कार्य करता है?

देश में निम्नलिखित विवरण आवासीय सहकारी समितियों के कामकाज की एक सही तस्वीर पेश करता है। ऐसी स्थिति में सदस्य जल्द ही खुद को अलग थलग पाता है।

मुझे वर्ष 2010 में सहकारी हाउसिंग सोसाइटी में समिति के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया है। मैंने देखा है कि सोसायटी के सचिव जो कि पिछले 12 वर्षों से पद पर बने हुए है महाराष्ट्र सोसायटी अधिनियम के अनुसार सोसायटी में काम नहीं कर रहे है और न ही वह सोसायटी के सामान्य निकाय में पारित प्रस्ताव का पालन कर रहे है।

वह सोसायटी के खाते के बारे में नहीं जानते है। वे समिति कि जनरल बॉडी में सदस्यों को भी कुछ भी नही बता सकते हैं। मैंने देखा है कि लेखापरीक्षक से कई प्रश्न है, लेकिन सवालों का जवाब नहीं दिया गया है।

उन्होंने पिछले पांच से छह साल से अधिक उप पंजीयक को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया है। सचिव, समिति के समक्ष अनुमोदन के लिए मासिक बयान और आय व्यय का ब्यौरा नहीं दे रहे है।

वह स्वयं ही व्यय के संबंध में निर्णय ले रहे है। सोसायटी गैर ऑक्यूपेंसी चार्ज ले रहा है जो कि सेवा शुल्क से 10% से अधिक शुल्क है। मैंने इस संबंध में सरकार के आदेश के बारे में बताया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह जनरल बॉडी के आदेश के हिसाब से चार्ज करेंगे।

अध्यक्ष और समिति के अन्य सदस्य उनकी बातों को समर्थन दे रहे हैं। मेरा मानना है कि इन नियमों के अनुसार किया जा रहे काम से कोई लाभ नहीं होने वाला है।

पिछले सामान्य निकाय की बैठक में सदस्यों ने खातों के बारे में पूछा लेकिन सचिव बताने में असमर्थ थे तो लोगों ने समिति के सदस्यों से पूछा हालांकि, वे लोग भी कुछ भी नही बता सके।

मैंने उस समय मासिक बैठकों में समिति के सदस्यों को बताया कि वार्षिक आय एवं व्यय के बयान मेरे द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है। सामान्य निकाय की बैठक में अध्यक्ष ने मुझे समिति से इस्तीफा देने का निर्देश दिया और मुझसे कहा कि कोई सवाल नहीं उठाना।

कुछ दिनों के बाद मुझे सोसायटी के पदाधिकारियों सहित सभी समिति के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने बताया है कि उपरोक्त कारणों के लिए मुझको समिति से हटाया क्यों नहीं जाना चाहिए।

पत्र का जवाब और सभी विवरण मैंने कूरियर के माध्यम से दे दिया है जो कुछ सचिव ने पिछले पांच से छह साल में नहीं किया है।

लेकिन फिर भी उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष ने पत्र जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें मेरा जवाब प्राप्त नहीं हुआ है और मैं समिति की सदस्यता से वंचित हूँ ऐसी जानकारी सोसायटी के नोटिस बोर्ड पर डाल दी गई है।

विनायक महामुंकर
मलाड (पश्चिम)
मुंबई 64

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