कृषि

हरित कृषि परियोजना : सिंह ने कार्यशाला का किया उद्घाटन

भारतीय कृषि को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ बढ़ती हुई आबादी के खाद्य सामाग्री की आपूर्ति की चुनौतियां हैं, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग और कृषि भूमि पर बढ़ते हुए दबाव का सामना हमारे अधिकांश किसान भाईयों को करना पड़ रहा है, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने भारतीय हरित कृषि परियोजना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रारंभिक कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान कही।

उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं इससे फलस्वरूप जो विपरित परिस्थितियां पैदा हो रहीं हैं उन सब का प्रभाव हम देख ही रहे हैं। बावजूद इसके मोदी सरकार ने आगामी 6 वर्षों किसानों की आय को दुगुना करने का लक्ष्य रखा है, तो निश्चित रूप से हमारे पास बड़ी जिम्मेवारी है, और हम इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।

इस कार्यशाला का आयोजन, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। एक दिवसीय कार्यशाला में सचिव, DAC& FW,श्री एस के पट्टनायक, DG ICAR एंड सचिव DARE, डॉ त्रिलोचन मोहापात्रा, संयुक्त सचिव, श्री एस बी सिन्हा और संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के भारतीय प्रतिनिधि डॉ श्याम खड़का उपस्थित थे, पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।

श्री सिंह ने कहा कि भारत द्वारा जैव विविधता सम्मेपलन को प्रस्तुवत 5 वीं राष्ट्री य रिपोर्ट इस बात को इंगित करती है कि कृषि के विस्ता्र और कृषि तीव्रता में वृद्धि के कारण भूमि उपयोग में परिवर्तन के कारण देश के कई भागों में अत्य धिक दबाव पैदा हुआ है।

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