नफेड

नेफेड के पुनरुद्धार की आशा फिर बनी

राजग सरकार के आने के साथ नेफेड के पुनरुद्धार की संभावना बढ गई है. सूत्रों पर यकीन किया जाए तो नई व्यवस्था ने इसके पुनर्जीवन में रुचि दिखाई है.

भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए नाफेड के निवर्तमान अध्यक्ष बिजेन्दर सिंह ने कहा कि बडी कृषि सहकारी संस्था खुद को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है.

नया मूड बैंकों के बदले हुए रवैये की वजह से भी है. बैंकों में से कुछ भुगतान के बारे में उदार होने के लिए सहमत हो गए हैं. कुछ ने कहा है कि वे ऋण का 40 फीसदी त्याग करने के लिए तैयार हैं. दूसरे शब्दों में, 2000 करोड़ रुपए का ऋण 1200 करोड रुपये में सुलझाया जा सकता है.

इसके अलावा, नेफेड बैंकों की देनदारियों को चुकाने के लिए अपनी परिसंपत्तियों को बेच रही है. यह पहले से ही दिल्ली में एक पॉश पड़ोस में अपने घरों में से एक में बेचा चुका है. दिल्ली में लॉरेंस रोड पर 4-5 एकड़ में बनी अपनी प्राइम प्रॉपर्टी को बेचने के लिए वार्ता उन्नत चरण में है. इससे 700 करोड़ रुपये के आने की उम्मीद है.

शहर में एक प्रमुख स्थान – आश्रम चौक पर बने इसके मुख्यालय को भी बेचा जा रहा है. इससे 100-150 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है. 500-700 करोड़ रुपए की एक और सरकारी मदद के साथ, नेफेड सुरक्षित रूप से कर्ज के जंगल से बाहर निकल जाएगा, सौदों की जानकारी वाले ने बताया.

अपीलीय प्राधिकरण के फैसले के मद्देनजर सभी भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि लक्ष्य पहुँच में है; हम संस्था को बचाने और नेफेड के साथ काम कर रहे हजारो कर्मचारियों के भविष्य को बचाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं.

मेरा कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है. मैं तीसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष नहीं हो सकता हूं लेकिन मैं कृषि सहकारी संघ को किसी भी तरह बचाना चाहता हूं, श्री सिंह ने कहा.

नेफेड में 30 जून को चुनाव होने वाले हैं.

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