एनसीयूआई की शिक्षा विंग एनसीसीई ने अपने दिल्ली मुख्यालय में शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसायटियों के अधिकारियों के लिए पिछले सप्ताह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था। प्रशिक्षण का उद्देश्य कैशलेस और डिजिटल बैंकिंग पर विशेष जोर देने के साथ उनके प्रबंधकीय कौशल का विकास करना था।
यूपी, नई दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे पांच राज्यों से 40 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों के बीच पेशेवर ढंग से संस्था को मजबूत करना था, एनसीसीई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।
इस मौके पर प्रतिभगियों ने एक दूसरे के साथ उत्तपन्न चुनौतियों के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
लक्ष्मी अर्बन महिला सहकारी बैंक की अध्यक्ष अलका श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिक्षा और प्रशिक्षण निरंतर प्रक्रिया है और सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए जरूरी है क्योंकि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र छोटे व्यवसायियों और कमजोर समुदाय को ऋण देने में अहम भूमिका निभा रही है।
एनसीयूआई, सीई, एन.सत्यनारायण भी इस अवसर पर उपस्थित थे। योगेश शर्मा, नेफकॉब, निदेशक भी मौजूद थे।
विशेषज्ञों ने डिजिटल बैंकिंग, भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम की भूमिका, कैशलेस लेनदेन, एनईएफटी, आरटीजीएस, एटीएम, केवाईसी, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग, ऑनलाइन दस्तावेजीकरण के साथ-साथ अन्य विषयों पर चर्चा की।
एनसीयूआई के उपाध्यक्ष जी.एच.अमीन समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि यूसीबी को कैशलेस अर्थव्यवस्था को अपनाना होगा।
वी.के.दुबे, निदेशक, एनसीसीई ने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजीव शर्मा, उप निदेशक एनसीसीई उप निदेशक ने कार्यक्रम का संचालन किया।